मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने सरकार के नोटबंदी के निर्णय को लागू करने के तरीके को पूरी तरह विफल करार देते हुए राज्यसभा में कहा कि इसके कारण देश भर में जमकर 'संगठित ' और 'कानूनी लूट मार' हुई तथा आम आदमी को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सदन में आने से नोटबंदी पर चर्चा को लेकर सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के बीच पिछले छह दिनों से चला आ रहा गतिरोध दूर होने के बाद चर्चा शुरू करते हुए सिंह ने कहा कि वह खुद और कांग्रेस पार्टी काले धन तथा भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए नोटबंदी के विरोध में नहीं हैं। इससे आम आदमी को हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री को रचनात्मक और व्यावहारिक उपायों की घोषणा करनी चाहिए।
मनमोहन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दलील दी है कि यह कदम काले धन पर अंकुश लगाने तथा आतंकवादियों को हो रही फंडिंग रोकने के लिए उठाया गया है। वह इससे असहमत नहीं हैं, लेकिन इस निर्णय को लागू करने में सरकार ने भारी गलतियां की हैं। प्रधानमंत्री ने कहा है कि 50 दिन इंतजार कीजिए लेकिन गरीब लोगों के लिए 50 दिन की दिक्कतें बहुत बड़ी आफत है। 60-65 लोगों की जान जा चुकी है और जो कुछ भी हुआ है इससे लोगों का मुद्रा और बैंकिंग प्रणाली में विश्वास कम होगा। 90 फीसदी आम आदमी और असंगठित क्षेत्र के 55 फीसदी कामगार परेशानी में हैं। जो स्थिति बन रही है उससे देश के सकल घरेलू उत्पाद में कम से कम दो प्रतिशत की कमी आने की आशंका है।